

यूरोपियन यूनियन (EU) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं. यूरोपियन यूनियन के 27 देशों का प्रतिनिधित्व कर रही उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएम मोदी और उर्सुला वॉन डेर लेयेन जिस 97 साल पुराने ‘हैदराबाद हाउस’ में मिले, उसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है. कभी आपने गौर किया कि पीएम मोदी या उनसे पहले भी जो प्रधानमंत्री रहे वे विदेशी मेहमानों से मुलाकात करने के लिए हैदराबाद हाउस का ही रुख क्यों करते रहे हैं.
आजादी से पहले भारत में करीब 560 देसी रियासतें थीं. इन्हें ‘देसी राज्य’ भी कहा जाता था. ये रियासतें ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं थीं. इन सभी रियासतों का अपना-अपना अधिकार क्षेत्र था. लेकिन इतनी सारी रियासतें होने के कारण इनमें कोई ना कोई दिक्कत पैदा होती रहती थी. अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1920 में देसी रिसायतों की समस्याएं सुनने और उनसे बेहतर तालमेल के लिए ‘चैंबर ऑफ प्रिंसेस’ की स्थापना की. राजधानी दिल्ली में अक्सर इस चैंबर की बैठकें होने लगीं. ब्रिटिश हुकूमत जब भी बुलाती, रियासत के प्रमुखों को भाग कर दिल्ली आना पड़ता. यहां उनके रहने की कोई ढंग की व्यवस्था भी नहीं थी. तो उन्होंने यहां अपने रहने के लिए एक अच्छी जगह बनाने का विचार आया. जब हैदराबाद हाउस बनकर तैयार हो गया तो निजाम को वो पसंद नहीं आया.